हिमाचल प्रदेश: 10 लाख विद्यार्थियों और अध्यापकों के स्वास्थ्य की होगी जांच, स्कूलों में भेजी जा रही टीमें

हिमाचल के स्कूलों में अब विद्यार्थियों और अध्यापकों के स्वास्थ्य की जांच होगी। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से स्कूलों के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें भेजी जा रही हैं। स्कूलों में एलईडी स्क्रीन में बच्चों को ठीक से दिखाई देता भी है या नहीं, इसके लिए आंखों की भी जांच होगी। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को 10 लाख विद्यार्थियों और अध्यापकों के स्वास्थ्य जांच का टारगेट दिया है। जिन विद्यार्थियों की नजरें कमजोर होंगी, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाइयां निशुल्क दी जाएंगी। यही नहीं, विद्यार्थियों और अध्यापकों के ब्लड टेस्ट भी होंगे। शुगर, टीवी और एनिमिया की भी जांच होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की भी चिंता है।

स्वास्थ्य जांच के बाद जिन विद्यार्थियों में खून की कमी और फिर नजरें कमजोर होंगी। इसकी जानकारी स्कूल प्रधानाचार्य को दी जाएगी। ज्यादा दिक्कत होने पर विद्यार्थियों को अस्पताल में इलाज करने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों को खानपान में क्या परहेज करना चाहिए व किस उम्र तक विद्यार्थियों का कितना वजन कितना होना चाहिए, इसकी जानकारी भी डाॅक्टर देंगे। यह अभियान एक महीने तक चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकार को भी इसकी रिपोर्ट देनी होगी। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने बताया कि हिमाचल का हर व्यक्ति स्वस्थ रहें। इसके चलते यह अभियान चलाया गया है।

बुजुर्गों का भी घर-द्वार पर इलाज
हिमाचल के 70 साल से ज्यादा आयु के बुजुर्गों का घर द्वार पर उपचार होगा। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम एबुलेंस के साथ द्वार पर जाएंगी। इसमें एक डाॅक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ का कर्मचारी होगा। बुजर्गों के बीपी, शुगर की जांच होगी। अगर बुजुर्ग को ज्यादा दिक्कत होगी, तो उन्हें अस्पताल में उपचार करने की सलाह दी जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग को यह आदेश जारी किए हैं।

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