हिमाचल प्रदेश पेंशनर कल्याण संघ दोफाड़, एक-दूसरे के खिलाफ खोला मोर्चा

हिमाचल प्रदेश पेंशनर कल्याण संघ दोफाड़ हो गया है। संघ के पदाधिकारी दो गुटों में बंट गए हैं। कार्यकाल पूरा होने पर नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। आपसी मतभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि एक जिला के अध्यक्ष को निष्कासित करने और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर की चेतावनी देने तक की नौबत आ गई है। कॉरपोरेट सोसायटी एक्ट 2006 में हर तीन साल बाद चुनाव के माध्यम से नई कार्यकारिणी का चयन करना जरूरी है। मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल पूरा हो गया है। मार्च 2022 में पेंशनर कल्याण संघ के चुनाव हुए थे और कार्यकारिणी गठित हुई। मार्च 2025 में कार्यकाल पूरा हो चुका है।मौजूदा कार्यकारिणी के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा का दावा है कि दिसंबर 2024 में ही आमसभा में कार्यकारिणी को 3 माह का सेवा विस्तार दिया जा चुका है। फिलहाल 31 तक ब्लॉक, जिला और राज्य के चुनाव करवाने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरे गुट का आरोप है कि मौजूदा अध्यक्ष एक ही समय में शिमला शहरी, शिमला जिला और प्रदेश कार्यकारिणी के अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं। मार्च 2025 में इनका कार्यकाल पूरा हो चुका है और कार्यकाल को सेवा विस्तार के लिए आम सभा अप्रैल में की गई है। 26 अप्रैल को आयोजित हुए शिमला शहरी इकाई की आम सभा में आत्माराम शर्मा को प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी गई है, इसलिए वह अब जिला या राज्य के चुनाव लड़ने के लिए अधिकृत ही नहीं हैं।

शिमला शहर के कुछ लोग पेंशनर कल्याण संघ को हाईजैक करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। किसी दूसरे जिले में इनका कोई अस्तित्व नहीं है। कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल 3 माह के लिए बढ़ा दिया गया था। शिमला शहर में करवाई गई आम सभा में जिला के सभी ब्लॉकों का प्रतिनिधित्व तक नहीं था। 25 मई तक जिला के चुनाव करवाने का लक्ष्य रखा गया है। उसके बाद राज्य कार्यकारिणी के चुनाव होंगे।– आत्माराम शर्मा, अध्यक्ष, पेंशनर कल्याण संघ

कॉरपोरेट सोसायटी एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ आत्माराम शर्मा एक ही समय में शिमला शहर, शिमला जिला और प्रदेश के अध्यक्ष पद पर रहे हैं। कार्यकाल विस्तार के लिए आम सभा अप्रैल में करवाई गई है जबकि कार्यकाल मार्च में पूरा हो गया था। 26 अप्रैल को शिमला में आम सभा में आत्मा राम शर्मा की प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी गई है। अब वह पूर्व प्रधान हैं न कि मौजूदा और भविष्य में भी प्रधान नहीं बन सकते।– भूपराम वर्मा, महासचिव, पेंशनर कल्याण संघ, जिला शिमला

प्रदेश में पेंशनरों के बड़े मुद्दे

छठे वेतन आयोग के एरियर का अब तक नहीं हुआ भुगतान
2016 से 2022 के बीच सेवानिवृत हुए लोगों को नहीं मिले वित्तीय लाभ
महंगाई भत्ते की किश्त नहीं हुई जारी, एरियर का भुगतान भी लंबित
करोड़ों रुपये के मेडिकल बिलों को सरकार ने नही किया भुगतान
प्रदेश पेंशनर कल्याण संघ इस समय प्रदेश 1.90 लाख पेंशनरों का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
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