हिमाचल : भारी बारिश से फिर तबाही, राज्य में भूस्खलन से 396 सड़कें बंद, कई उपमंडलों में स्कूल बंद

हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच भारी बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है। बीती रात को हुई भारी बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। शिमला शहर में 20 से ज्यादा पेड़ गिर गए हैं। इससे सड़कें बंद हो गईं। कई जगह गाड़ियां भी मलबे में दब गईं। कई उपमंडलों में आज स्कूल बंद रखे गए हैं। राज्य में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक 396 सड़कें बंद रहीं। इसके अतिरिक्त 1593 बिजली ट्रांसफार्मर व 178 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 173 सड़कें व 72 जल आपूर्ति स्कीमें प्रभावित हैं। शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, सोलन, सिरमाैर, हमीरपुर, मंडी, चंबा जिले में भी कई सड़कें ठप हैं। कोटखाई के खलटूनाला में भी कई गाड़ियों के मलबे में दबने की सूचना है।

चार जगह बादल फटने से भारी तबाही
बुधवार को चार जगह बादल फटे हैं। इससे दो शेड, चार गाड़ियां और चार कॉटेज पानी के सैलाब में बह गए, जबकि गानवी में एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ । गानवी में पुलिस चाैकी बाढ़ से खतरे के दायरे में आ गई है। बाढ़ से गानवी में करीब दो दर्जनों घरों और दुकानों में मलबा घुसा है। 26 परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फुटपाथ ब्रिज और पंप हाउस भी बह गया। श्रीखंड के भीमडवारी व नंती, कुल्लू की तीर्थन घाटी और लाहौल-स्पीति की मयाड़ घाटी में बादल फटे हैं। निरमंड की कुर्पण खड्ड उफान पर होने से बागीपुल बाजार खाली करवा लिया गया है। तीर्थन घाटी में बादल फटने से आई बाढ़ में चार गाड़ियां और पर्यटकों के लिए बनाए चार काॅटेज बह गए।

चुराह में स्कूल बंद, टेपा पंचायत में घरों में घुसा मलबा
चंबा जिले में मौसम के बदले तेवर एक बार फिर लोगों को डराने लगे हैं। गुरुवार को मूसलाधार बारिश के चलते चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आते सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया। वहीं टेपा पंचायत में घरों में मूसलाधार बारिश के बाद पानी के साथ मलबा घुस गया। खेतों में लगाई गई मटर की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी तरफ भरमौर- पठानकोट हाईवे पर स्थित दुनेरा सड़क पर बड़े वाहनों की आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई है। जिले में 25 सड़कें,15 ट्रांसफार्मर और 38 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

राज्य में इतने दिन बरसेंगे बादल
बीती रात को कंडाघाट में 100.0, जट्टों बैराज 87.0, ऊना 85.4, सोलन 81.4, ओलिंडा 76.0, शिलारू 73.0, शिमला 69.0, कुफरी 66.0, जुब्बड़हट्टी 65.2, कसौली 62.0, कोठी 61.2, बीबीएमबी 59.2, मुरारीदेवी 51.8 व धर्मपुर में 50.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 20 अगस्त तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। आज कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। 15 से 20 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। उपमंडल जुब्बल के सभी शिक्षण संस्थान आज बंद रखने का फैसला लिया गया है।

ऊना में जनजीवन अस्त-व्यस्त, लोगों के घरों में घुसा बरसाती पानी
जिला ऊना में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, वहीं जिला मुख्यालय के वार्ड एक की फ्रेंड्स कालोनी में फिर से बरसाती पानी ने लोगों के घरों में घुस गया। बारिश में जलभराव की समस्या से परेशान लोगों ने चंडीगढ़-धर्मशाला हाईवे के बीचोंबीच ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर और रस्सा बांध हाईवेजाम लगा दिया। मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा और जाम खुलवाने की काफी कोशिश भी की। लेकिन गुस्साए लोग मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद प्रशासन ने हल्के बल का प्रयोग कर जाम खुलवाया।

जान जोखिम में डालकर उफनती खड्ड पार कर स्कूल पहुंचे शिक्षक
ऊना के हरोली विधानसभा क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नगनोली के साथ खड्ड गुरुवार को हुई बारिश के चलते उफान पर है। हालांकि बारिश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया, लेकिन अध्यापक को समय पर पहुंचना पड़ा। नगनोली स्कूल के करीब एक दर्जन से अधिक अध्यापकों को स्कूल के साथ लगती खड्ड में जान जोखिम में डालकर पार करना पड़ा।

मानसून में अब तक 241 लोगों की गई जान
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 13 अगस्त तक 241 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 326 लोग घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 115 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 2,205 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 2,043 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,615 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 2,03,123.19 लाख रुपये पहुंच गया है।

बाढ़ में फंसे लोगों तक सेना ने लॉजिस्टिक ड्रोन से पहुंचाई खाद्य सामग्री
किन्नौर जिले में आई बाढ़ के बाद भारतीय सेना ने लॉजिस्टिक ड्रोन से खाद्य सामग्री पहुंचाई। 13 अगस्त की देर शाम किन्नौर जिले में आई बाढ़ की सूचना सेना को मिली। पुलिस अधीक्षक किन्नौर ने सेना को होजिस लुंगपा नाले में बाढ़ की सूचना दी। जिसके बाद सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। रात करीब 7:00 बजे रिशि डोगरी घाटी के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से होजिस लुंगपा नाले में अचानक आई बाढ़ ने सतलुज नदी पर बने पुल को बहा दिया और सीपीडब्ल्यूडी के अंतर्गत गंगथांग ब्रालाम की ओर बन रही सड़क के निर्माण स्थल को क्षतिग्रस्त कर दिया। हादसे में एक व्यक्ति घायल हुआ, जबकि चार लोग नदी के दूसरी ओर फंस गए। बाढ़ की सूचना मिलते ही सेना ने तत्काल आपदा राहत बल को मौके पर रवाना किया। अंधेरे और पानी के तेज बहाव के बीच सेना ने मौके पर पहुंच कर बाढ़ में फंसे लोगों को ऊंचे व सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। घायल व्यक्ति को तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ पहुंचाया गया। सेना ने इस मिशन में पहली बार लॉजिस्टिक ड्रोन हाई एल्टीट्यूड (एलडीएचए) सिस्टम का उपयोग किया, जिसके जरिये बाढ़ के पार फंसे लोगों तक खाने-पीने की वस्तुएं और पीने का पानी पहुंचाया गया, ताकि रातभर उन्हें सहारा मिल सके। प्रभावितों को सेना शिविर पूह में रखा गया।

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