हिमाचल में शुरू होगी ग्रीन पंचायत योजना, 100 पंचायतों में सरकारी जमीन पर लगाए जाएंगे सोलर प्रोजेक्ट

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया है। ऊर्जा सचिव की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में ‘ग्रीन पंचायत योजना’ लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत 100 ग्राम पंचायतों में 500 किलोवाट क्षमता के ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि हर पंचायत अपनी बिजली की जरूरत खुद पूरी करे और अतिरिक्त बिजली से आय भी अर्जित कर सके। इससे गांवों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता बेहतर होगी। पर्यावरण संरक्षण भी होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। परियोजनाओं की जिम्मेदारी हिमऊर्जा के पास होगी और यह संस्था 25 साल तक इनका संचालन और रखरखाव करेगी। प्रदेश सरकार ने इस योजना को वर्ष 2026 तक हिमाचल को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शुरू किया है।

योजना से न सिर्फ सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन होगा, बल्कि गांव और पंचायत स्तर पर बिजली की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। स्थानीय स्तर पर बिजली उत्पादन होने से ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन लॉस में कमी आएगी और दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक भी ऊर्जा की पहुंच आसान होगी। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2030 तक राज्य 1,995 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता हासिल करेगा। ग्रीन पंचायत योजना इस दिशा में बड़ा कदम साबित होगी, जिससे प्रदेश न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास को भी नई दिशा मिलेगी।

यहां खर्च होगी बिजली से होने वाली आय

योजना के तहत बनने वाली बिजली हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को बेची जाएगी। बिजली से प्राप्त आय का बंटवारा भी प्रदेश के विकास के लिए किया जाएगा। इसमें 20 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के कोष में जाएगी, 20 प्रतिशत संचालन और रखरखाव पर खर्च होगी, 40 प्रतिशत राशि पंचायतों के विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल होगी और 20 प्रतिशत आय अनाथ बच्चों और विधवाओं की सहायता पर खर्च की जाएगी। इन प्रोजेक्ट्स के लिए पंचायत या सरकारी खाली जमीन का उपयोग किया जाएगा।

यहां खर्च होगी बिजली से होने वाली आय

भारत की नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन्स के तहत हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2030 तक 1,995 मेगावाट सोलर कैपेसिटी हासिल करने का लक्ष्य मिला है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी के अनुसार, हिमाचल में लगभग 34 हजार मेगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन कैपेसिटी मौजूद है। इस विशाल संभावना को देखते हुए राज्य सरकार पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी के साथ सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दे रही है। ग्रीन एनर्जी योजना का इसमें एक महत्त्वपूर्ण रोल रहेगा।

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