
हिमाचल के छोटी काशी मंडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भारी भीड़ जुटाकर प्रदेश सरकार ने खूब शक्ति प्रदर्शन किया। वहीं, जनसभा में एचआरटीसी की 1600 बसें भेजी गईं। सोमवार को 1200 से अधिक बस रूट प्रभावित रहने से आम लोगों को परेशानी हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमाचल प्रदेश के मंडी की जनसभा में भीड़ जुटाने के लिए प्रदेश भर से एचआरटीसी की 1600 बसें भेजी गईं। सोमवार को 1200 से अधिक बस रूट प्रभावित रहने से आम लोगों को परेशानी हुई। लोकल ही नहीं, लंबी दूरी की बसों के अलावा सुपर फास्ट रूटों पर चलने वाली बसों को भी रैली के लिए लगा दिया गया है। इसके अलावा 700 के करीब निजी ऑपरेटरों ने भी मंडी रैली के लिए बसें चलाईं।
एक साथ इतनी बसें चलाने से ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्रों में भी बस सेवा प्रभावित रही। लोग बस अड्डों पर सुबह से इंतजार करते दिखे। मरीजों, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को भी खासी परेशानी हुई। शनिवार और रविवार अवकाश के चलते लोग गांव चले गए थे। सोमवार को कर्मचारी समय पर दफ्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं। टैक्सी करके भी लोग कार्यालय पहुंचे हैं। बस सेवाएं प्रभावित रहने से निजी में ओवरलोडिंग भी देखी गई।
400 खड़ी बसें भेजी गईं रैली में
परिवहन निगम का कहना है कोरोना के चलते 400 बसें खड़ी थीं, उन्हें रैली में भेजा गया। निगम के पास 300 बसें स्पेयर थी, वह भी रैली के लिए लगाई गईं। जनता को परेशानी न हो, ऐसे में कई रूट क्लब किए गए थे। परिवहन निगम की कुल 1600 बसें भेजी गई हैं। मंगलवार से व्यवस्था सुचारु होगी।
पीएम के जनसभा में पहुंचे 80 हजार लोग, कार्यक्रम खत्म होने के बाद आती रहीं बसें
छोटी काशी मंडी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भारी भीड़ जुटाकर प्रदेश सरकार ने खूब शक्ति प्रदर्शन किया। हजारों लोग प्रदेश सरकार के चार साल के जश्न, दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग और एक ही दिन में 11 हजार करोड़ के शिलान्यास और शुभारंभ के एतिहासिक पल का गवाह बने। जन सैलाब इतना उमड़ा की छोटी काशी छोटी पड़ गई। प्रदेश भर से 1600 सरकारी और 700 निजी बसें रैली में शामिल होने वाले लोगों को लेकर पहुंचीं। न्यू विक्टोरिया ब्रिज में बसों के खड़े होने की जगह बनाई गई थी। लेकिन भारी आवाजाही के चलते बसें जाम में फंसी रहीं और कई बसें तो रैली के बाद भी पहुंचीं। करीब चार हजार कारें- जीपें पर सवार होकर समर्थक पहुंचे।
प्रशासन की ओर से 50 हजार फूड पैकेट का लोगों के लिए इंतजाम किया गया था, लेकिन वह भी कम पड़ गया। रंग बिरंगे पारंपरिक परिधानों में जनता को जहां खड़े होने या बैठने की जगह मिली वहां बैठ गए। पड्डल के अंदर पचास हजार की भीड़ थी। पंडाल की बात करें तो 35 हजार कुर्सियां लगी थीं। कुर्सियां पैक रहीं और स्टेडियम की सीढि़यों व बीच की जगहों में लोग सैकड़ों लोग खड़े रहे। चौहटा, सेरी, भूतनाथ बाजार, मोती बाजार में लोगों से भरे दिखे। रात करीब नौ बजे तक चंडीगढ़-मनाली, मंडी- पठाकनोट मार्ग पर जाम की स्थित रही। लोग आते वक्त तो आसानी से आए, लेकिन वापस लौटते वक्त भीड़ पुलिस और प्रशासन के लिए पसीने छुड़ाने वाली रही।
तीन घंटे बस का इंतजार, तब जाकर अंतिम संस्कार में शामिल हुए परस राम
पीएम की मंडी जनसभा के लिए निगम की अधिकतर बसों की ड्यूटी लग गई। ऐसे में यात्रियों और स्कूली विद्यार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ी। मंडी-पठानकोट नेशनल हाईवे में सुबह सात बजे से वाहनों की आवाजाही बढ़ गई। इससे स्कूली बच्चों का पैदल चलना तक दूभर हो गया। मंडी की तरफ से जोगिंद्रनगर जाने वाले यात्रियों को बस सेवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। केवल इक्का दुक्का निजी बसें ही चलीं।
इससे लोग खासे परेशान हुए। उरला के मसवाहण निवासी परस राम जोगिंद्रनगर के जिमजिमा में सगी बहन की मौत होने पर दाह संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। उन्हें तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद बस मिली। वापसी में घटासनी से पैदल ही घर आना पड़ा। स्कूली विद्यार्थी भी बसें न मिलने से परेशान हुए। कॉलेजों में आजकल परीक्षाएं चल रही हैं। #Khabarabhiabhi.in


