
कोठीपुरा में लगभग 1471 करोड़ रूपए की लागत से तैयार किए जा रहे 750 बैड क्षमता के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जून-जुलाई में आईपीडी आरंभ कर दी जाएगी। इसके साथ ही निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य भी निर्धारित है जिसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से उदघाटन करवा दिया जाएगा। स्टैंडर्ड के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अभी तक 50 इंटरव्यू हुए हैं जिसमें से 30 ऐसे हैं जिनके दोबारा इंटरव्यू किए जाएंगे। यह प्रक्रिया अगले चार सालों तक चलेगी। एम्स उत्तर भारत का एक बड़ा स्वास्थ्य संस्थान होगा।
यह खुलासा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को एम्स परिसर में अब तक की प्रगति की रिव्यू मीटिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस में किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ एम्स के कार्यों का रिव्यू किया है और जो मसले राज्य सरकार के स्तर हैं उन्हें मुख्यमंत्री देख रहे हैं जबकि केंद्र सरकार से संबंधित मसलों को भी सरकार के माध्यम से हल करवाया जाएगा। उन्होंने एम्स से संबंधित मसलों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी जताया। उन्होंने बताया कि एम्स एक कल्चर है और यहां तक गंभीर से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का ईलाज संभव होगा। इसके साथ ही बीमारियों पर रिसर्च भी की जाएगी। आने वाले समय में एम्स में रिसर्च ओरिएंटल फैकल्टी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि देश भर में 22 एम्स निर्मित किए जा रहे हैं और इनके स्टाफ की ट्रेनिंग दिल्ली में करवाई जा रही है। एम्स में परिपक्व स्टाफ होगा और मरीजों के लिए तमाम सहूलियतें उपलब्ध होंगी। वही उन्होंने कहा की बिलासपुर के ऐतिहासिक मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए 1400 करोड़ की योजना बनाई गई है। जिसे तीन चरनो में क्रियांवित किया जायेगा। परियोजना के पहले चरण में नाले का नौन में इन मंदिरों को पुनर्स्थापित किया जायेगा। दूसरे चरण मे सांडू के मैदान को प्रटयन की दृष्टि से विकसित किया जायेगा। तीसरे चरण में मंडी भराडी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के पास एक जलाशय बनाया जायेगा। नड्डा ने कहा इसमें रिवर फ्रंट और वाक्वेज विकसित किये जायेंगे। इससे बिलासपुर एक आदर्श पर्यटक के रूप में विकसित होगा और इससे बिलासपुर की पुरानी संस्कृति तथा इतिहास भी पुनर्जीवित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर्, प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, मंत्री राजेंदर गर्ग, विधायक सुभाष ठाकुर, जे आर करवाल, आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा भी मौजूद रहे।


