
हालांकि राज्य के 52 विधानसभा क्षेत्रों में पुरुष मतदाता अधिक
Dharmshala Bureau :
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में महिलाओं की सक्रियता भले ही अन्य राज्यों के मुकाबले कम हो, मगर हिमाचल प्रदेश में 16 से ज्यादा ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां पर महिलाएं निर्णायक भूमिका में नज़र आती हैं, हालांकि राज्य के 52 विधानसभा क्षेत्रों में पुरुष मतदाता अधिक हैं जबकि 16 सीटों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी ज्यादा है।ऐसे में इन विधानसभा सीटों पर महिलाओं को नजरअंदाज करना किसी भी राजनितिक दल के लिये घाटे का सौदा साबित हो सकता है। यूँ तो हिमाचल प्रदेश के माझी हालातों को देखें तो मालूम पड़ेगा कि प्रदेश में सत्ता पर काबिज़ होती आई पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के द्वारा विधानसभा चुनाव में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में हमेशा से कंजूसी ही दिखाई है फिर भी जिस तरह से महिलाएं चुनावों में सक्रिय हो रही हैं और अपना दबदबा बढ़ा रही हैं उससे तो यही ज़ाहिर होता है कि किसी भी पार्टी को निकट भविष्य में महिलाओं को नजरअंदाज करना मंहगा सौदा साबित हो सकता है इस बात का अंदाज़ा साल 2017 के चुनाव से लगाया जा सकता है जब महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की अपेक्षा कहीं अधिक था। हालांकि साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने केवल 6 महिलाओं को ही चुनावी मैदान में उतारा था जबकि जिस संगठन की कमान एक महिला नेत्री के पास है उन्होंने हिमाचल में महिलाओं को टिकट आबंटन में भाजपा के मुकाबले और भी ज़्यादा कंजूसी बरतते हुये महज 3 ही सीटों पर महिलाओं को तरज़ीह दी थी।
वो भी ऐसे हालातों में जब राज्य की आबादी का 49 फ़ीसदी हिस्सा महिलाओं का है। प्रदेश की महिलाओं की चुनावों में बढ़ती सक्रियता ने क्या भाजपा क्या कांग्रेस दोनों को ही इस साल 2022 के होने वाले विधानसभा चुनावों में महिलाओं के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है, तो वहीं महिलाओं ने भी अपने अपने संगठनों में इसका प्रेशर बनाने शुरू कर दिया है कि उन्हें टिकट आबंटन में ख़ास तरजीह दी जाये। भाजपा की प्रदेश महिला मोर्चा की सचिव गायत्री कपूर ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अव्वल हैं सो उन्हें इन चुनावों में ख़ास तरजीह मिलनी चाहिये तो वहीं कांग्रेस के प्रदेश सचिव नमिता की भी मानें तो महिलाएं हर लिहाज़ से चुनावों में अपनी सक्रिय भूमिका में रहती हैं तो उन्हें भी इसी तरह से ट्रीट किया जाना चाहिये कि उन्हें भी टिकट मिल सकें। वहीं आम आदमी पार्टी ओबीसी महिला विंग की उपाध्यक्ष उर्मिला देवी ने कहा कि मतदाताओं में भी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का दबदबा है ऐसे में महिलाओं को टिकट आबंटन में नजरअंदाज करना किसी भी राजनीतिक दल के लिये मंहगा हो सकता है।
काबिलेगौर है कि हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों में से 52 विधानसभा सीटों पर पुरुषों की आबादी अधिक है तो वहीं राज्य की 16 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी अधिक है .इन विधानसभा सीटों पर महिलाएं पुरुषों के मुकाबले निर्णायक भूमिका अदा करती है . राज्य की देहरा, जयसिंहपुर ,सुलह, मनाली जोगिंद्रनगर, धर्मपुर ,मंडी सदर ,बल्ह, सरकाघाट, भोरंज सुजानपुर ,हमीरपुरसदर, बड़सर ,नादौन, घुमारवीं, जुब्बल कोटखाई में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक है .इसी वजह से इन विधानसभा सीटों पर अक्सर राजनीतिक दल महिला उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारते हैं।
राज्य के इन इलाकों में मतदान में है महिलाएं आगे
हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव 2017 में 74.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. हिमाचल प्रदेश में भले ही राजनीति में महिलाओं की सक्रियता कम है लेकिन सरकार को चुनने में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं. ये हम नहीं बल्कि 2017 विधानसभा चुनाव के मतदान के आंकड़े बताते हैं. 19,10,582 महिला मतदाताओं ने मतदान किया, जबकि 18,11,061 पुरूष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और मंडी में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा बड़ी संख्या में मतदान किया है जिसका गवाह चुनाव आयोग के आंकड़े हैं.कांगड़ा जिले में 4,61,278 महिलाओं ने और 3,96,208 पुरूषों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इसी तरह मंडी जिले में 2,96,898 महिलाओं ने मतदान किया. वहीं 2,71,725 पुरूष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.


