सेना ने किया मृत घोषित, परिजनों ने फोटो पर चढ़ा दी माला, 16 साल बाद लौट आया जवान

कांगड़ा |

लापता रहने के बाद 11 वर्षों के बाद सेना की ओर से मृत घोषित जवान 16 साल बाद अचानक घर लौट आया। इतने वर्षाें के बाद अचानक जिंदा लौटे जवान को देखकर परिजन भी हैरान रह गए। घर में परिजनों की ओर से जवान की फोटो पर माला भी चढ़ा दी थी। वहीं, सेना की ओर से पत्नी को परिवार पेंशन समेत अन्य लाभ भी प्रदान किए जा रहे हैं। घर पहुंचे जवान ने पत्नी से प्रताड़ित होकर नौकरी और घर को छोड़ने की बात कही है। नौकरी छोड़ने के बाद गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगने के अलावा चौकीदारी और पार्किंग में दिहाड़ी करने की बात कही है।

इंदौरा विधानसभा की ग्राम पंचायत डैकवां के सुरेंद्र कुमार उर्फ मिंटू (46) पुत्र तिलक राज शर्मा वर्ष 1997 में 18 वर्ष की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे। भर्ती के समय सुरेंद्र के छोटे भाई की उम्र पांच वर्ष थी। वर्ष 2006 में सुरेंद्र की शादी पंजाब के एक गांव में हुई। सोमवार को घर पहुंचे सुरेंद्र ने बताया कि शादी के बाद से पत्नी उसे परेशान करने लगी थी और वह साथ नहीं रहना चाहती थी। वर्ष 2008 में उनका तबादला गुजरात हो गया और पत्नी ने भी साथ जाने की बात कही। वहां पर भी पत्नी परेशान करती रही। जब एक दिन वह ड्यूटी पर गए थे तो पत्नी ने अपने भाई को बुलाया और उसके साथ वापस गांव आ गई। जब वह अपनी पत्नी को लेने अपने ससुराल गया तो वहां उसे डराया-धमकाया गया। इसके अलावा पत्नी ने उस पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करवा दिया। सुरेंद्र ने कहा कि वह अदालत में पेशी के दौरान जाता था, लेकिन उसकी पत्नी नहीं आती थी। इतना ही नहीं, ससुराल वाले उनको उसके बेटे से भी नहीं मिलने देते थे। पत्नी की प्रताड़ना और घर वालों को परेशान देखकर वर्ष 2009 में नौकरी और घर को छोड़ दिया।

रेलवे स्टेशनों पर भीख मांग कर किया गुजारा
सुरेंद्र ने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद वह गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के रेलवे स्टेशनों पर भीख मांग कर गुजारा करने लगा। इतना ही नहीं एक जगह 100 रुपये की दिहाड़ी पर पार्किंग में काम कर गुजर-बसर किया। इस दौरान उनके साथ दुर्घटना हुई, जिससे वह कोई भी काम करने के लायक नहीं रहा। एक व्यक्ति ने उन्हें अपने घर पर बिना वेतन के चौकीदार नियुक्त किया और खाने व रहने की व्यवस्था की।

2020 में सुरेंद्र को मृत घाेषित कर पत्नी को फैमिली पेंशन प्रदान की
11 वर्षाें तक लापता रहने पर सेना ने वर्ष 2020 में सुरेंद्र को मृत घाेषित कर दिया और सेवा लाभ के तौर पर पत्नी को पेंशन की सुविधा प्रदान की गई। सुरेंद्र ने बताया कि वर्ष 2024 में वह पत्नी की ओर से दहेज उत्पीड़न मामले में न्यायालय में सरेंडर करने पहुंचा। न्यायालय ने उसे 42 दिन के लिए जेल भेज दिया। सजा पूरी करने के बाद सुरेंद्र सोमवार को घर लौटा तो परिजनों के चेहरों पर खुशी थी। वहीं, सेना जवान के 16 साल बाद अचानक लौटने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। इस मामले को लेकर भी जांच की जा रही है। 

पंचायत डैकवां के पूर्व प्रधान हार्दिक कटोच ने बताया कि पत्नी से तंग आकर सुरेंद्र ने ऐसे कदम उठाने की बात कही है। अब 16 वर्ष बाद जवान दोबारा अपने घर पहुंचा है।

सोशल मीडिया पर भाई से संपर्क के बाद सरेंडर करने पहुंचा न्यायालय
सुरेंद्र का वर्ष 2024 में अपने भाई से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क हुआ। इस दौरान भाई ने उसको सीधे घर न आकर पत्नी की ओर से दर्ज करवाए दहेज उत्पीड़न मामले में न्यायालय की ओर से उद्घोषित अपराधी केस में सरेंडर करने की बात कही। इस पर दिसंबर 2024 में सुरेंद्र ने पंजाब के पठानकोट न्यायालय में सरेंडर किया। इस दौरान सुरेंद्र और परिवार के डीएनए टेस्ट भी करवाए गए, जिसमें पुष्टि हुई। इसके बाद न्यायालय की ओर से उसे जेल भेजा था।
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