

सिंथेटिक ड्रग चिट्टा कैसे परिवारों को तोड़कर बच्चों को अभिभावकों से दूर कर रहा है, इसका अंदाजा लगाना सहज नहीं है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला मुख्यालय में शहर के बड़े कारोबारियों और नौकरीशुदा लोगों के बच्चे चिट्टे के आदी पाए गए हैं। अभिभावकों को इसकी खबर तक नहीं थी। अभिभावकों को तब मालूम हुआ, जब सदर थाना हमीरपुर में सिंथेटिक नशा करने वाले युवाओं को तलब कर इनकी टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग के दौरान जब एक कारोबारी के बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो वह पहले तो बेसुध से हो गए और जब थोड़ा सा संभले तो हंसने लग गए।
..तो पकड़ कर बैठ गए
मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों और कर्मचारियों ने जब उन्हें संभाला तो वह सिर पकड़ कर बैठ गए। आंखों में आंसू और रूंदे गले से बोले-समय रहते बच्चे का पता चल गया। अगर आज भी पता न चलता तो हम क्या करते। यह महज एक अभिभावक की कहानी नहीं है। जिले के विभिन्न थानों में नशे की दलदल में फंसे 30 से अधिक युवाओं की टेस्टिंग की जा चुकी है। अधिकतर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
चिट्टे के आदी युवाओं का पता लगाना मुश्किल
विशेषज्ञों ने ये कहा
पैसे की मांग और परिवार से दूरी पर दें ध्यान



