धर्मपुर के सिहारड़ी में इंडस्ट्रियल प्लॉट पर बिना वन विभाग की अनुमति से कटे दर्जनों पेड़..

14 March 2022
Manish ,Solan
धर्मपुर के सिहारड़ी मुसलमाना रोड में आईटीआई रोड पर प्लास्टिक उद्योग लगने को लेकर स्थानीय लोग लामबंद हो गए। लोगों का आरोप है कि यहां पर स्थापित होने वाली प्लास्टिक फैक्ट्री से आसपास के रिहायशी क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषित होगा और इससे आने वाली पीढ़ियों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। लोगों ने सरकार व प्रशासन को चेताया कि यदि सिहारडी के रिहायशी क्षेत्र में उद्योग लगा तो उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने इस संदर्भ में एसडीएम कसौली संजीव धीमान को ज्ञापन सौंपकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। एसडीएम ने इस मामले में प्रदूषण बोर्ड परवाणु से रिपोर्ट मांगी है।
बिना अनुमति के हरे भरे पेडों पर चला दी कुल्हाड़ी:

लोगों का आरोप है कि उद्योगपति ने यहां पर बिना वन विभाग की अनुमति से दर्जनों हरे भरे पेड़ पर कुल्हाड़ी चला दी। जोकि पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि उद्योगपति के हौंसले इतने है कि वन विभाग का कार्यालय 50 मीटर की दूरी होने पर भी बिना अनुमति से हरे पेड़ो पर कुल्हाड़ी चला दी। ऐसे में वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
न्याय न मिला तो जाएंगे कोर्ट की शरण में:
उद्योगपति की मनमानी के चलते स्थानीय लोग कार्रवाई न होने की स्थिति में कोर्ट का रास्ता अपनाने की तैयारी कर चुके हैं । लोगों का आरोप है उद्योगपति अभी से स्थानीय लोगों को धमकाने लगा है।
इंडस्ट्री में प्लॉट में चल रही अवैध गतिविधियों को लेकर भी लोग लोगों में रोष है। वहीं वन विभाग धर्मपुर के रेंज ऑफिसर ने शिकायत मिलने पर मौके का निरीक्षण कर पाया कि इंडस्ट्रियल प्लाट में बिना अनुमति के करीब 12 पेड़ काटे हैं। जानकारी के मुताबिक उद्योग लगाने के लिए प्लॉट में पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी लेकिन अभी विभाग की तरफ से अनुमति नहीं दी गई जोकि अवैध गतिविधि में आता है।
उद्योग लगने का विरोध कर रहे स्थानीय निवासी वासु जैन, अमित जैन, मनीष, प्रदीप, रेनू जैन, सत्यवती, अभिषेक, रामेश्वरी मीना, रीना, संतोष , पूजा और सत्या ने प्रशासन से उचित कार्रवाई की भी मांग की है। लोगों ने आरोप लगाया कि उद्योगपति यहां पर मनमानी से उद्योग का निर्माण कार्य करवा रहा है। इससे लोगों की पेयजल पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त हुई है। जिससे लोगों को कई दिनों से पानी की सप्लाई नहीं मिली वही टूटी पाइपों को खुद के खर्च से ठीक करवानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस प्रकार के उद्योग रिहायशी क्षेत्र से दूर लगाने की अनुमति देनी चाहिए।
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