PGI में बेसुध पड़ा था अपना बेटा, पिता निकल पड़ा दूसरे की जान बचाने

सिरमौर /कार्तिक गौतम । कहते हैं कि स्वार्थ के लिए जीना सामान्य है, पर निस्वार्थ होकर जीना महानता की निशानी है। ऐसा ही एक महानता का काम हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के रहने वाले एक शख्स ने कर दिखाया है। जिसकी हर जगह प्रशंसा हो रही है। इस शख्स का खुद का बेटा पीजीआई में बेसुध हालत में पड़ा थाए लेकिन उन्होंने दूसरे अनजान शख्स को जीवनदान देकर मानवता की मिसाल कायम कर दी।

रक्तदान कर बचाई दूसरे की जान

दरअसल सिरमौर जिला के रहने वाले अनूप इंसा का 11 वर्षीय बेटा अद्वित कुछ दिन से पीजीआई में उपचाराधीन है। वह लगभभग कोमा में है। उसकी देखभाल के लिए अनुप इंसा भी पीजीआई में मौजूद हैं। इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि पीजीआई में उपचाराधीन किसी अन्य शख्स को खून की सख्त जरूरत है। उसके बाद उन्होंने बिना समय गंवाए जरूरतमंद को रक्तदान कर उसका जीवन बचा लिया। बड़ी बात यह है कि अनूप ने पहली बार रक्त दान नहीं किया है। बल्कि अब तक वह कई जिंदगियों को बचा चुके हैं। अनूप इससे पहले 67 बार रक्तदान कर चुके हैं।

पीजीआई में उपचाराधीन है खुद का बेटा
बता दें कि अनूप इंसा का 11 वर्षीय बेटा कुछ दिन पहले चक्कर खाकर गिर पड़ा था। अचेत हुए बेटे को लेकर वह नाहन मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचेए यहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार उनका बेटा सैमी कोमा में है। उसकी हालत ऐसी है कि वह अपने परिजनों को भी नहीं पहचान पा रहा है।

मानवता की पेश की मिसाल

पिता के अनुसार बेटे की रीढ़ की हड्डी का सैंपल जांच के लिए बैंगलुरू भेजा गया है। जांच के बाद ही समस्या के बारे में पता लगाया जा सकता है। लेकिन गंभीर अवस्था में जिसका बेटा उपचाराधीन हो। उस पिता की मानसिक स्थिति कैसी होगी। बावजूद इसके अनूप ने अपना मनोबल बढ़ाते हुए मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश कीए जिसकी न केवल पीजीआईए बल्कि सिरमौर में भी प्रशंसा हो रही है। लोग भी अब उनके बेटे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

समाज सेवी संस्था से जुड़े हैं अनुप इंसा

अनूप इंसा सिरमौर जिला के बर्मा पापड़ी पंचायत के रहने वाले हैं और लंबे समय से समाज सेवी संस्था से जुड़े हुए हैं। यह संस्था सिरमौर के नाहन में संचालित हैए जिससे सैंकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। यह संस्था ना सिर्फ हिमाचल के बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी जरूरमंदों के लिए रक्त की व्यवस्था करवाता है।

संस्था के संचालक ने बताया ने शिलाई से संबंध रखने वाले एक मरीज को पीजीआई में रक्त की आवश्यकता थीए जिसके लिए मैंने सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप में ये मैसेज दियाए जिसके बाद पीजीआई में अपने बेटे की तीमारदारी में जुटे अनूप इंसा साथ लगते ब्लड बैंक पहुंचे और उन्होंने संबंधित मरीज को अपना एबी पाजिटिव रक्त दिया।

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