कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाएं महिलाएं- डॉ. सीमा

कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठाएं महिलाएं- डॉ. सीमा
-एचपीयूआईएलएस की असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. सीमा कश्यप ने किया जागरूक
-नगर निगम सोलन के सभागार में लेक्चर का आयोजन
-आशा वर्कर्स, एमसी काउंसलर्स व स्टाफ रहा उपस्थित

सोलन
सोलन नगर निगम सभागार में सोमवार को महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीडऩ के प्रति जागरूक करने के लिए ‘सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वुमन ऐट वर्क प्लेस एक्ट 2013 पर लेक्चर का आयोजन किया गया। एचपीयूआईएलएस (हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज शिमला) की असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. सीमा कश्यप ने बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित महिलाओं को इस एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। दोपहर 12 बजे शुरु हुआ कार्यक्रम करीब डेढ़ घंटे तक चला जिसमें आशा कार्यकर्ता, एमसी काउंसलर्स व अन्य स्टाफ सदस्यों सहित करीब 100 लोगों ने शिरकत की।
डॉ. सीमा ने अपने लेक्चर के दौरान उपस्थित महिलाओं को बताया कि सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वुमन एट वर्क प्लेस एक्ट-2013 क्या है और इसमें महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं। यह एक्ट किस प्रकार अप्लाई होता है, महिलाएं इस एक्ट के तहत कैसे शिकायत कर सकती हैं आदि के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ. सीमा कश्यप ने महिलाओं के प्रति उत्पीडऩ को रोकने के लिए कानून के तहत कार्यस्थल पर आंतरिक कमिटी (आईसी) के गठन व लोकल कंप्लेंट कमिटी (एलसीसी) के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्पीडऩ का शिकार महिला के शिकायत करने पर उक्त कमिटियां किस प्रकार की कार्रवाई कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि गंभीर किस्म के उत्पीडऩ की स्थिति में कमिटी पुलिस में शिकायत कर सकती है या ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास के पास मामला दे सकती है क्योंकि उस स्थिति में इसे नॉन काग्निज़बल अपराध माना जाता है।
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शंकाओं का भी किया समाधान
कार्यक्रम में परस्पर परिचर्चा का दौर भी चला जिसमें डॉ. सीमा कश्यप ने उपस्थित श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए और एक्ट के प्रति उनकी शंकाओं का भी समाधान किया। इस दौरान हाल ही में लड़कियों की विवाह के लिए आयु 18 से 21 वर्ष किए जाने को लेकर भी चर्चा हुई।
कोट-
इस लेक्चर का मकसद महिलाओं को यौन उत्पीडऩ के प्रति उनके अधिकार बताना था। कार्यस्थल पर बहुत सी महिलाएं इसका शिकार होती हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा पातीं। इससे जुर्म और बढ़ता है। इसलिए उन्हें इस एक्ट के बारे में जानकारी दी गई।
-डॉ. सीमा कश्यप
असिस्टैंट प्रोफेसर, एचपीयूआईएलसएचपीयूआईएलएस शिमला।

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