प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1 लाख 63 हजार से अधिक नए मामले स्वीकृत- वन मंत्री

 
– 74वां जिला स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह ऐतिहासिक चौगान में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने की। इस मौके पर अपने संबोधन में राकेश पठानिया ने हिमाचल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जनकल्याण के प्रति अपनी वचनबद्धता निभाते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1,63,607 नए मामले स्वीकृत किए हैं। वृद्ध जनों के प्रति आदर- सत्कार का भाव रखते हुए सरकार ने 27 दिसंबर 2017 को शपथ ग्रहण समारोह के बाद पहले दिन ही अपनी प्रथम मंत्रिमंडल की बैठक में वृद्धावस्था पेंशन पाने की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया। इसके अलावा पात्रता के लिए भी कोई आय सीमा नहीं रखी गई जो यह साबित करता है कि प्रदेश सरकार आमजन के हित के लिए कितनी संवेदनशील और गंभीर है।
इस अवसर पर वन मंत्री ने प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री व हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार को भी याद किया और कहा कि उन्होंने प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि 1971 में जब प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला उस समय पूरे प्रदेश में मात्र 10,670 किलोमीटर लंबी सड़कें थीं। जिनकी लंबाई अब बढ़कर 38,470 किलोमीटर हो चुकी है। वर्तमान में प्रदेश की लगभग 99 फ़ीसदी पंचायतें सड़कों की सुविधा से जुड़ चुकी हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हिमाचल प्रदेश के लिए वरदान साबित हुई है। रोहतांग टनल भी उनकी दूरदर्शी सोच की ही देन है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया।
शिक्षा के क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश ने देशभर में अपनी विशेष पहचान बनाई है। मौजूदा समय में शिक्षण संस्थानों की संख्या 15,553 है। जबकि साक्षरता दर भी 82.80 फीसदी पहुंच चुकी है।
आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए वन मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 4,417 मकान निर्मित किए जा चुके हैं। पात्र परिवारों को 60 करोड़ की अनुदान राशि दी गई।
राकेश पठानिया ने कहा कि गत 3 वर्षों की अवधि के दौरान चंबा जिला में विभिन्न पौधरोपण योजनाओं के तहत 6,381 हेक्टेयर वन भूमि में पौधरोपण किया गया। जिसके तहत विभिन्न प्रजातियों के 51लाख 20 हजार पौधे रोपे गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एक बूटा बेटी के नाम योजना में भी अब तक 1935 की किटें वन विभाग द्वारा बेटी के जन्म पर अभिभावकों को दी गई हैं। इस योजना पर 30 लाख 83 हजार की राशि खर्च की गई।
इस अवधि के दौरान ही जिले में 1 करोड़ 29 लाख रुपए की राशि खर्च करके 13 बड़े खेल मैदानों का निर्माण विभिन्न विकास खंडों में किया गया। डलहौजी स्थित सदर बाजार में निर्माणाधीन बहुउद्देशीय खेल मैदान का निर्माण कार्य भी अपने अंतिम चरण में है। इसके निर्माण पर 1 करोड़ 50 लाख की राशि खर्च होगी।
समारोह के दौरान गद्दी सांस्कृतिक दल रूणूकोठी, चामुंडा सांस्कृतिक दल देवीकोठी और युवा मंडल सामरा द्वारा आकर्षक पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए।
इस मौके पर वन मंत्री ने कोरोना योद्धाओं के अलावा चलो चंबा अभियान के आयोजन से जुड़े व्यक्तियों और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के दौरान आयोजित निबंध व चित्रकला की ऑनलाइन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया।
इससे पूर्व वन मंत्री ने ध्वजारोहण किया और पुलिस, गृह रक्षा व एनसीसी की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट की सलामी भी ली। मार्च पास्ट का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह ने किया। उन्होंने स्वर्ण जयंती वर्ष और हिमाचल दिवस के उपलक्ष्य पर एक शपथ भी ग्रहण करवाई।
समारोह में विधायक पवन नैयर और जियालाल कपूर के अलावा राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम उपाध्यक्ष जय सिंह, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष भाजपा डीएस ठाकुर, उपायुक्त डीसी राणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस अरुल कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी, मुख्य वन अरण्यपाल ओपी सोलंकी, एसडीएम चंबा शिवम प्रताप सिंह, जिला पर्यटन विकास अधिकारी विजय कुमार, सहायक आयुक्त रामप्रसाद, भाजपा जिला उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जसवीर नागपाल, भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष कांता ठाकुर, विभिन्न विभागों के अधिकारी और नगर परिषद पार्षद भी मौजूद रहे।
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