कुटलैहड़ के डेरा बाबा रूद्रानंद में मनाया संविधान गौरव दिवस

 

कुटलैहड़ स्थित डेरा बाबा रूद्रानंद में संविधान गौरव दिवस मनाया गया। इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक दविंदर कुमार भुट्टो ने मुख्यतिथि के रूप में शिरकत की। क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संविधान के महत्व को समझाना और इसके प्रति जागरूकता फैलाना था। संविधान गौरव दिवस के इस आयोजन में लोगों को संविधान की प्रस्तावना, मूल अधिकार और कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जो देशभक्ति और सम्मान का प्रतीक रहा। डेरा बाबा रूद्रानंद में पहुंचे भाजपा नेता दविंदर कुमार भुट्टो का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। आयोजकों ने उन्हें पुष्पगुच्छ और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में भाजपा नेता दविंदर भुट्टो ने भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ संविधान बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमारे देश के विकास, समरसता और प्रगति की नींव है। उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय जैसे मूलभूत अधिकार दिए हैं। हमें इसके प्रति न केवल आदर रखना चाहिए, बल्कि इसे अपनी दिनचर्या में उतारकर एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाना चाहिए। भुट्टो ने  संबोधित करते हुए उन्हें संविधान की मूलभूत धाराओं को समझने और उनका पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी ही देश का भविष्य है और उन्हें संविधान के मूल्यों को आत्मसात कर देश को प्रगति की दिशा में ले जाना होगा। भाजपा नेता दविंदर कुमार भुट्टो ने कहा कि भारत के संविधान को लोकतंत्र का सबसे सशक्त दस्तावेज़ माना जाता है, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया। 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया यह संविधान 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। डॉ. अंबेडकर, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, ने इस संविधान के जरिए भारत को एक ऐसा ढांचा प्रदान किया, जो विविधता में एकता को संरक्षित करते हुए समानता, स्वतंत्रता और न्याय सुनिश्चित करता है। भुट्टो ने कहा कि भारत रत्न डॉ अंबेडकर ने संविधान में मौलिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की नींव रखी। उन्होंने समाज में व्याप्त भेदभाव और जातिवाद को समाप्त करने की दिशा में अनुच्छेद 14, 15, और 17 जैसे प्रावधान जोड़े, जिनमें सभी नागरिकों के लिए समानता की गारंटी दी गई और अस्पृश्यता का उन्मूलन किया गया। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक प्रगति के लिए आरक्षण की व्यवस्था का प्रावधान किया, ताकि समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर ने संविधान को इस तरह डिज़ाइन किया। कि यह न केवल देश की विविध सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को सहेज सके, बल्कि भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना भी कर सके। यह उनकी दूरदर्शिता और दृढ़ निश्चय का ही परिणाम है कि आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भुट्टो ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का संविधान न केवल भारतीय लोकतंत्र का स्तंभ है, बल्कि सामाजिक समानता और मानवाधिकारों का एक प्रतीक भी है, जिसने भारत को प्रगति की राह पर अग्रसर किया।

आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने ही की संविधान के साथ की छेड़छाड़,

कार्यक्रम में मुख्यतिथि दविंदर भुट्टो ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन कांग्रेस सरकार ने डॉ  अंबेडकर के संविधान को 90 बार छेड़छाड़ करके संविधान को बदलना चाहा। लेकिन उनके मनसूबे पूरे नहीं हुए। भुट्टो ने कहा कि संविधान हमें एकता और अखंडता की भावना प्रदान करता है।  उन्होंने कहा संविधान के मूल्यों को समझने और उन्हें अपनी जीवनशैली में अपनाने की जरूरत है। संविधान केवल एक पुस्तक नहीं है, यह हमारे जीवन का मार्गदर्शन है। भुट्टो ने कहा कि संविधान गौरव दिवस के इस आयोजन ने क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार करेगा। इस कार्यक्रम ने न केवल संविधान के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि समाज में एकजुटता और जागरूकता का संदेश भी दिया।

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