

हिमाचल : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वह दूरदराज गांवों में जाकर इसलिए रात बिताते हैं कि अधिकारी भी उनके साथ रहें और मुख्यधारा से कटे ग्रामीणों की समस्याएं समझें व विकास की योजनाओं पर काम करें। इसीलिए वह दुर्गम डोडरा-क्वार, पांगी, शिपकिला जैसे क्षेत्रों से होते हुए बागा सराहन पहुंचे हैं। वह गांवों के अति पिछड़े लोगों को पेंशन जैसी योजनाओं का लाभ देकर उनका जीवन स्तर ठीक करना चाहते हैं। अनछुए सुंदर स्थलों तक पर्यटन पहुंचाना चाहते हैं। 40 साल से व्यवस्था चली आ रही है कि अफसर महज फाइलें चलाते हैं और धरातल पर काम नहीं हो रहा। अब गांव की जमीन पर काम करना होगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बागा सराहन में अमर उजाला से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि बागा सराहन में विदेशी भी जब आएंगे तो वे मंत्रमुग्ध होंगे। वह देश-विदेश के पर्यटकों का आह्वान करते हैं कि वे यहां नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद लें।बागा सराहन जैसा घास का मैदान पूरे देश में नहीं है, जहां एक लाख लोगों की क्षमता वाले चार क्रिकेट स्टेडियम बन जाएंगे। यहां की सुंदरता स्विटजरलैंड के सामने भी फीकी है। वहां तो एल्पस् हैं और यहां बिग हिमालय है। यह पहलगाम से भी खूबसूरत जगह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका बागा सराहन में नए साल का कार्यक्रम सप्ताह भर आयोजित करने का विचार है। पर्यटक यहां आएं और घास पर सोएं, साथ झरना भी देखें। वह इसकी रूपरेखा तैयार करवा रहे हैं। वह खुद गांव के आदमी हैं। गांव के लोगों के हाथ में पैसा कैसे जाए, वह इस पर काम कर रहे हैं। बागा सराहन जैसे सुंदर ग्रामीण क्षेत्रों में जो होम स्टे बना रहे हैं, उन्हें चार फीसदी की व्याज पर मदद दी जा रही है।भगवान का शुक्र, मौसम खराब होने पर सड़क मार्ग से आना पड़ा
सुक्खू ने कहा कि मौसम खराब था तो उन्हें सड़क मार्ग से वागा सराहन आना पड़ा। भगवान का शुक्र है कि इस वजह से वह पूरी सड़क का सर्वे कर पाए। उन्होंने तय कर लिया है कि निरमंड से लेकर बागा सराहन तक की सड़क वह डबल लेन करवाएंगे। इस क्षेत्र को ईको-ट्रेल से बठाड़ से होते हुए कुल्लू जिला मुख्यालय से जोड़ने पर काम होगा।



