काजा-पांगी प्रोजेक्ट में देरी से सीएम सुक्खू नाराज, जानिए किया दिए निर्देश…

शिमला: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों काजा और पांगी में सोलर पावर प्रोजेक्ट के निर्माण में लगातार हो रही देरी पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नाराज हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली थी और इस बैठक में इन दोनों क्षेत्रों के सोलर प्रोजेक्टों को लेकर सीएम ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सूत्रों के अनुसार सीएम ने कहा कि तय अवधि में इन परियोजनाओं का काम पूरा नहीं होता है, तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। काजा में दो मेगावाट का प्रोजेक्ट लग चुका है और यहां पर उत्पादन भी हो रहा है, मगर बैटरी स्टोरेज नहीं होने से काजा के लोगों को इस परियोजना का सही तरह से लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह बात सीएम के ध्यान में आई है, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों से जवाब तलबी की है।

बताया जाता है कि इस दो मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट को दिसंबर महीने में चालू कर दिया गया था। अभी तक इसमें बैटरी स्टोरेज सिस्टम नहीं लग पाया है, क्योंकि यह चीन से लाया जाना है। बताया जाता है कि यह प्रोजेक्ट चूंकि केंद्र सरकार की एक एजेंसी के सहयोग से बनाया गया है, तो ज्वाइंट वेंचर की कंपनी ने अमरीकी कंपनी को इसका काम सौंपा। उसने आगे चीन की कंपनी को सबलेट कर दिया और वहां पर बैटरी स्टोरेज सिस्टम बन रहा है। इसमें यह भी जानने योग्य है कि भारत में इस तरह का बैटरी सिस्टम नहीं बनता और यह केवल चीन में बनता है। ऐसे में अधिकारियों ने सीएम के सामने परिस्थितियां बताई हैं, परंतु सीएम ने काजा के इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तैयार करने के लिए 31 अगस्त तक की डेडलाइन दी है।

इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 16 करोड़ रुपए है, जोकि ज्वाइंट वेंचर में खर्च किए जा रहे हैं। इसमें बिजली बोर्ड भी आधी रकम दे रहा है। वहीं, दूसरा पांगी का सोलर प्रोजेक्ट है, जिसमें एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 500 किलोवॉट का इसमें बैटरी स्टोरेज रहेगा। इस प्रोजेक्ट का टेंडर इसी महीने किया गया है, लिहाजा इसके लिए मुख्यमंत्री ने 31 दिसंबर तक की डेडलाइन दी है। इस परियोजना पर 10 करोड़ रुपए का खर्च होगा और इस पर काम शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में अधिकारियों को कहा है कि जो भी काम उन्हें दिए जा रहे हैं, वेे तय समयावधि में होने चाहिएं।

यही कारण है कि सीएम खुद प्रोजेक्टों की समीक्षा कर रहे हैं और हर बार प्रोग्रेस देख रहे हैं। इन परियोजनाओं को लेकर पहले जो डेडलाइन अधिकारियों ने दी थी, उस पर काम नहीं हो सका, लिहाजा अब नई डेडलाइन दी गई है और साथ ही अफसरों को कहा गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दोनों इलाकों में जा चुके हैं और वहां पर उन्होंने लोगों से वादा किया है कि उनकी बिजली की समस्या को पूरी तरह से दूर कर दिया जाएगा। परंतु अभी तक इस पर काम पूरा नहीं हो सका है, जिससे सीएम भी नाराज हैं।

बैटरी स्टोरेज सिस्टम न होना समस्या

दोनों सोलर प्रोजेक्ट जनजातीय क्षेत्रों में हैं और वहां पर काम करने में दिक्कतें काफी ज्यादा रहती हैं। काजा प्रोजेक्ट को दिसंबर में शुरू किया गया था, लेकिन जनवरी महीने में इसकी एक केबल पंक्चर हो गई थी। इस पर अप्रैल महीने में काम पूरा हो सका और अब प्रोजेक्ट में उत्पादन हो रहा है, लेकिन इसमें बैटरी स्टोरेज सिस्टम नहीं है, जिससे वोल्टेज सही नहीं है। ऐसे में काजा के लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। प्रोजेक्ट के लिए जरूरी बैटरी स्टोरेज सिस्टम भारत में नहीं बनता है और इसे चीन से लाया जाना है, जिसके चलते काम में देरी हो रही है।

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