
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
5 दिसंबर 2022
पश्चिमी देशों ने सोमवार को रूसी तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा लागू कर दी और साथ ही कुछ अन्य प्रतिबंध भी लगाने शुरू कर दिए। यूक्रेन को लेकर मास्को पर दबाव बनाने के लिए ये नए कदम उठाए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, अमेरिका और 27 देशों के यूरोपीय संघ ने शुक्रवार को रूसी तेल के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा तय की थी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कार्यालय ने पश्चिमी देशों द्वारा रूसी तेल की कीमत और कम करने की मांग की, जबकि रूसी अधिकारियों ने 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा को मुक्त और स्थिर बाजार के लिए हानिकारक बताया है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन प्रतिबंधों से रूसी तेल की पहुंच वैश्विक बाजार से कितनी दूर हो सकती है। सोमवार को अमेरिकी मानक कच्चा तेल 90 सेंट बढ़कर 80.88 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
चीन में कोविड-19 के प्रकोप को रोकने के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों सहित अन्य कारणों से कच्चे तेल की मांग और कीमतें प्रभावित हुई हैं। कच्चे तेल की कीमतें युद्ध के दौरान अपने उच्चतम स्तर से काफी नीचे हैं। रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने मूल्य सीमा लागू होने से कुछ पहले टेलीविजन पर कहा, ”हम केवल उन देशों को तेल और तेल उत्पाद बेचेंगे, जो बाजार की शर्तों पर हमारे साथ काम करेंगे, भले ही हमें कुछ हद तक उत्पादन कम करना पड़े।”


